शिक्षा को रोजगारपरक बनाने के लिए औद्योगिक प्रतिष्ठानों के साथ तालमेल जोर

Mar 10 2021

शिक्षा को रोजगारपरक बनाने के लिए औद्योगिक प्रतिष्ठानों के साथ तालमेल जोर
विद्यार्थियों को विश्वस्तरीय शिक्षा के अवसर दिलाने के लिए सरकार प्रयासरत

India Emotions, Lucknow.  उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि सरकार प्रदेश के विश्वविद्यालयों में सकारात्मक बदलाव की दिशा में आगे बढ चुकी है। नई शिक्षा नीति के अनुरूप बदलाव लाए जा रहे है। इस बात के पुरजोर प्रयास हो रहे हैं कि प्रदेश में विद्यार्थियों को विश्वस्तरीय शिक्षा के अवसर मिल सकें। उच्च शिक्षा का तेजी से प्रसार सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। शिक्षा को रोजगारपरक बनाने के लिए औद्योगिक प्रतिष्ठानों के साथ तालमेल पर भी जोर दिया जा रहा है।

उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने मंगलवार को यहां मेरठ में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के दीक्षान्त समारोह में राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल की वर्चुअल उपस्थिति एवं प्रमुख शिक्षाविद प्रो एम एन पटेल, कुलपति प्रो. नरेन्द्र कुमार तनेजा की उपस्थिति में समारोह को सम्बोधित करते हुए ने कहा कि पहले के समय में गावों में बालिकाओं की शिक्षा पर जोर नहीं दिया जाता था तथा उन्हें सामाजिक सहभागिता से भी दूर रखा जाता था, लेकिन समय के साथ इसमें बदलाव आया है। आज लड़कियां हर क्षेत्र में सफलता के नित नए कीर्तिमान बना रही हैं।

कहा कि, यह हर्ष का विषय है कि यहां पर मेडल पाने वालों में छात्राएं अधिक हैं। उन्होंने छात्रों से भी और अधिक मेहनत करने की अपील की। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ एक ऐसा विश्वविद्यालय है जिसमें 4000 से अधिक विद्यार्थी 250 से अधिक शिक्षक हैं। यह सौर ऊर्जा से आच्छादित है। उन्होंने कहा कि सत्र नियमितीकरण, समय पर परीक्षा, नए पाठयक्रमों के संचालन तथा रोजगार परक शिक्षा के क्षेत्र में भी इस विश्वविद्यालय ने काफी अच्छा काम किया है।  कोरोना काल में पठन पाठन में व्यवधान नही हुआ तथा आनलाइन शिक्षा की सुचारू व्यवस्था  विश्वविद्यालय में बनी रही है।

डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि आनलाइन सम्बद्धता, आनलाइन कक्षाए व आनलाइन प्रमाण पत्र देने की व्यवस्था सभी राज्य विश्वविद्यालयों में लागू हुई है। नकलविहन परीक्षा के साथ सुधार भी तेज हुए हैं। नई शिक्षा नीति के अनुरूप पाठयक्रम में बदलाव किए जा रहे हैं। सभी विश्वविद्यालयों से 70 प्रतिशत पाठ्यक्रम एक समान रखते हुए 30 प्रतिशत पाठयक्रम अपने हिसाब से बनाने को कहा गया है। सरकार का प्रयास है कि वर्चुअल क्लासरूम के साथ ही ई लर्निंग की व्यवस्था ठीक प्रकार से लागू हो। क्षेत्रीय भाषा के साथ विदेशी भाषा के अध्यापन का कार्य सभी विश्वविद्यालयों में शुरू हो सके। प्रयास किसा जा रहा है कि औद्योगिकि प्रतिष्ठानों के साथ विश्वविद्यालयों का तालमेल बढे।